Friday, 28 February 2025

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत परीक्षा सुधार एवं CBSE द्वारा की गई कार्यवाही

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 के तहत परीक्षा सुधार एवं CBSE द्वारा की गई कार्यवाही

NEP-2020 के अनुसार परीक्षाओं में सुधार (पैरा 4.37 & 4.38)

भारत सरकार द्वारा राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 (NEP-2020) में बोर्ड परीक्षाओं और प्रवेश परीक्षाओं में सुधार करने की सिफारिश की गई है। इसके प्रमुख बिंदु निम्नलिखित हैं:

  1. बोर्ड परीक्षाएं कक्षा 10 और 12 के लिए जारी रहेंगी, लेकिन परीक्षा प्रणाली को ऐसे बदला जाएगा कि कोचिंग कक्षाओं की आवश्यकता कम हो जाए।
  2. परीक्षाएं मुख्य रूप से छात्रों की क्षमताओं और दक्षताओं (Core Competencies) का मूल्यांकन करेंगी, न कि केवल रटने (Memorization) पर निर्भर होंगी।
  3. छात्रों को अपनी रुचि के अनुसार विषय चुनने की अधिक स्वतंत्रता दी जाएगी।
  4. बोर्ड परीक्षाएं "आसान" बनाई जाएंगी, ताकि एक सामान्य छात्र भी बिना किसी अतिरिक्त दबाव के अच्छे अंक प्राप्त कर सके।
  5. बोर्ड परीक्षाएं अब वर्ष में दो बार आयोजित की जाएंगी - एक मुख्य परीक्षा और एक सुधार परीक्षा।
  6. छात्रों को सर्वश्रेष्ठ अंकों को चुनने का अवसर मिलेगा, जिससे परीक्षा का "High Stakes" पहलू कम होगा।
  7. परीक्षा प्रणाली को अधिक लचीला बनाया जाएगा, जिससे छात्रों को कम विषयों का बोझ महसूस हो और परीक्षा का तनाव कम हो।
  8. विषयों को दो स्तरों पर विभाजित किया जाएगा (Standard और Higher Level)।
  9. कुछ विषयों के लिए दो भागों में परीक्षा होगी - एक वस्तुनिष्ठ (MCQ) और दूसरा वर्णनात्मक (Descriptive)।

CBSE द्वारा NEP-2020 के आधार पर उठाए गए कदम

1. कक्षा 10 के लिए दो बोर्ड परीक्षाओं की योजना

  • 2026 से कक्षा 10 की परीक्षाएं वर्ष में दो बार आयोजित की जाएंगी।
  • पहली परीक्षा 17 फरवरी से 6 मार्च 2026 के बीच होगी।
  • दूसरी परीक्षा 5 मई से 20 मई 2026 के बीच होगी।
  • कक्षा 10 में 26.60 लाख और कक्षा 12 में 20 लाख छात्र परीक्षा में बैठेंगे।

2. परीक्षा की संरचना और पैटर्न

  • परीक्षाएं पूरे पाठ्यक्रम (Full Syllabus) पर आधारित होंगी।
  • विषयों का विभाजन:
    1. मुख्य विषय: विज्ञान (Science), गणित (Maths), सामाजिक विज्ञान (Social Science), हिंदी (Hindi), अंग्रेजी (English)।
    2. अन्य विषय: क्षेत्रीय एवं विदेशी भाषाएं (Regional & Foreign Languages) तथा अन्य वैकल्पिक विषय।
  • मुख्य विषयों की परीक्षा एक ही दिन तय होगी, जबकि अन्य विषयों की परीक्षा दो से तीन बार आयोजित होगी।
  • विद्यार्थियों को परीक्षा की तिथि चुनने का विकल्प नहीं दिया जाएगा।

परीक्षा से जुड़े महत्वपूर्ण बदलाव

1. परीक्षा केंद्रों का निर्धारण एवं संचालन

  • परीक्षा केंद्रों का मूल्यांकन किया जाएगा और उन्हें मान्यता प्रमाण पत्र दिया जाएगा।
  • कोई भी स्कूल अपना स्वयं का परीक्षा केंद्र नहीं बना सकता।
  • यदि किसी क्षेत्र में निकटतम स्कूल उपलब्ध नहीं है, तो परीक्षा केंद्र की सुविधा दी जाएगी।

2. परीक्षा तिथियों का निर्धारण

  • राष्ट्रीय अवकाश (National Gazetted Holidays) पर परीक्षा नहीं होगी।
  • राज्य स्तरीय छुट्टियों और प्रतिबंधित छुट्टियों (Restricted Holidays) के दौरान परीक्षा हो सकती है।

3. परीक्षा पंजीकरण (LOC - List of Candidates) और विषय परिवर्तन

  • LOC सितंबर अंत तक भरा जाएगा।
  • एक बार LOC भरने के बाद कोई विषय नहीं बदला जा सकेगा (केवल दूसरी परीक्षा में बदलाव संभव होगा)।
  • छात्र पहली परीक्षा में उस विषय को छोड़ सकते हैं, लेकिन यदि उन्होंने पहली परीक्षा में विषय लिया, तो दूसरी परीक्षा में विषय बदलने की अनुमति नहीं दी जाएगी।

4. परीक्षा शुल्क

  • परीक्षा शुल्क दोनों परीक्षाओं के लिए एक साथ लिया जाएगा।
  • एक बार भुगतान होने के बाद शुल्क वापस नहीं किया जाएगा।

परीक्षा परिणाम एवं प्रमाण पत्र

1. परिणामों की घोषणा

  • पहली परीक्षा के बाद कोई पासिंग सर्टिफिकेट नहीं दिया जाएगा।
  • पहली परीक्षा का प्रदर्शन DigiLocker पर उपलब्ध होगा, जिससे कक्षा 11 में प्रवेश मिल सकता है।
  • दूसरी परीक्षा के बाद ही अंतिम अंक पत्र और प्रमाण पत्र (Mark Sheet cum Passing Certificate) जारी होगा।
  • अंक पत्र में दोनों परीक्षाओं के अंक और सर्वश्रेष्ठ अंक दर्शाए जाएंगे।

2. सुधार परीक्षा एवं पासिंग क्राइटेरिया

  • जो छात्र पांचों विषयों में पास होंगे, उन्हें पास घोषित किया जाएगा।
  • यदि कोई छात्र पहली परीक्षा में 1 से 5 विषयों में फेल होता है, तो उसे सुधार श्रेणी (Improvement Category) में रखा जाएगा और दूसरी परीक्षा में बैठने की अनुमति होगी।
  • दूसरी परीक्षा जुलाई 2026 में आयोजित की जाएगी।
  • प्रथम परीक्षा में सफल छात्र यदि दूसरी परीक्षा में बैठना चाहते हैं, तो वे सुधार के लिए बैठ सकते हैं।
  • सभी छात्रों को दूसरी परीक्षा के बाद ही मेरिट सर्टिफिकेट दिया जाएगा।

3. व्यावसायिक एवं खेल छात्र

  • व्यावसायिक (Vocational) और खेलों (Sports) से जुड़े छात्रों को किसी भी एक परीक्षा में बैठना होगा
  • खेल छात्रों के लिए कोई अलग परीक्षा नहीं होगी।

परीक्षा से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण बातें

  1. प्रायोगिक (Practical) और आंतरिक मूल्यांकन (Internal Assessment) केवल एक बार किया जाएगा।
  2. छात्र कक्षा 10 के बाद कोई अतिरिक्त विषय नहीं ले सकेंगे।
  3. यदि कोई छात्र 6वें/7वें विषय की मदद से पास घोषित होता है, तो वह अगले दो वर्षों तक उसी असफल विषय में सुधार परीक्षा दे सकता है।
  4. दूसरी परीक्षा में शामिल होने वाले छात्रों को अगली परीक्षा का अवसर नहीं दिया जाएगा।
  5. परीक्षा प्रणाली की समीक्षा (Review) और संशोधन (Revision) फीडबैक के आधार पर किया जाएगा।
  6. CBSE परीक्षा नियमावली (Examination Bye-Laws) में आवश्यक संशोधन किए जाएंगे।

निष्कर्ष

CBSE द्वारा NEP-2020 के अनुरूप परीक्षा प्रणाली में बड़े बदलाव किए जा रहे हैं।

  • दो बोर्ड परीक्षाओं की व्यवस्था छात्रों पर परीक्षा का दबाव कम करेगी।
  • परीक्षा प्रणाली को लचीला और कौशल-आधारित (Skill-Based) बनाया जाएगा।
  • DigiLocker के माध्यम से परिणाम और प्रमाण पत्र की सुविधा दी जाएगी।
  • सुधार परीक्षा से छात्रों को दो मौके मिलेंगे, जिससे वे अपनी योग्यता सिद्ध कर सकें।

यह नई व्यवस्था छात्रों के समग्र विकास (Holistic Development) में सहायक होगी और परीक्षा प्रणाली को अधिक प्रभावी एवं समावेशी बनाएगी।


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